
ऊपर से टैंक बंड को निहारते हुए खासकर संध्या समय प्रकाश से जगमगाता हुआ बिड़ला मंदिर बुहत ही सुंदर दिखाई देता है. यह भव्य मंदिर पूर्ण रूप से राजस्थान के संगमरमर से बना है और नौबत पहाड़ की जोड़ी काला पहाड़ के ऊपर खड़ा है. दस वर्षों में बिड़ला फाउंडेशन द्वारा बनाया गया मुख्य मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है.
इसमें उत्तरी और दक्षिणी भारत के मंदिरों की वास्तुशैली को मिला दिया गया है. बहुत ही कुशल कारीगर द्वारा निर्मित गोपुरम सहित आधार विशिष्ट दक्षिण भारतीय शैली में है, जबकि ऊपर का चिकना शिखर उत्तर भारतीय राजस्थानी शैली का है. मंदिर में सुंदर संगमरमर की उत्कीर्णन और उनमें से कुछ रामायण के काव्य को दर्शाती है. मंदिर का भीतरी गर्भगृह तिरूपति के वेंकटेश्वर मंदिर का ही प्रतिरूप है.
रात को प्रकाशित होने पर बिड़ला मंदिर बहुत ही भव्य और रंगीन लगता है. मनोहारी बिड़ला मंदिर दर्शन किए बिना हैदराबाद भ्रमण अधूरा ही रहता है.